The 1960s belonged to beads and bellbottoms , the ' 70s to prim outre , the ' 80s was confusion with a low neckline and the Indian finally discovered dressing in the ' 90s . सा वाल दशक मनकों और बेलबॉटमों का था , तो सत्तर का दशक अजीबोगरीब साज-सिंगार का और अस्सी का दशक गले के नीचे गहराई तक खुले परिधान ( ल कट ) से फैली उलज्क्ष का.लेकिन भारतीयों ने अंततः नबे के दशक में पहनावे का नया सलीका सीखा .